खुशियां अनामत रहे
झुका कर नजरे प्यार का
ईझहार कर ले यार का
प्यार कोई जागीर नहीं
और हम कोई आलमगीर नहीं
तू मिली वोही मेरी जन्नत है
मेरे दिल से मांगी ये मन्नत है
सर को रख हमेशा उन्नत दूसरों से
पास आ कर पिला जाम अपने अधरों से।
कोशिश कर कभी गिला ना रहे
मन अपने में ही लगा रहे
हर कोई चाहे घोंसला सलामत रहे
तुम हो मेरी बस खुशियां अनामत रहे।
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कोशिश कर कभी गिला ना रहे मन अपने में ही लगा रहे हर कोई चाहे घोंसला सलामत रहे तुम हो मेरी बस खुशियां अनामत रहे।