ख्वाब पुरे नहीं होते .. Khwab Poem by Mehta Hasmukh Amathaal

ख्वाब पुरे नहीं होते .. Khwab

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ख्वाब पुरे नहीं होते
रविवार, २ अगस्त २०२०

ख्वाब पुरे नहीं होते
यदि माँ-बाप साथ में नहीं होते
वो बच्चे खुशनसीब है
जिनके नसीब में पापा है।

संसार की सैर कराते
अपनी पीठ पर बैठा लेते
घोड़ा भी बन जाते ख़ुशी के लिए
ना कमी आने देते पलभर के लिए।

खुद तो भुखे रह जाते
पर बच्चो को पेटभर खिलाते
नहीं आने देते कोई तकलीफ!
इसी को मानते दिल से मुनासिफ।

बच्चे उनकी आँखों के तारे
बस बुढ़ापे के होंगे सहारे
यही आशा लेकर ज़िंदा रहते
बच्चो को देखकर सुखी होते।

मेरे जेहन में एक ही सवाल
बुढ़ापे में क्यों होती बबाल?
भूल जाते उन्हें अपने ही बाल
क्योना समझते उनके भी होने ऐसे हाल!

संसार का यही है दस्तूर
समय पर उड़ जाते कबूतर
नहीं याद करते अपने पालक
हम ही कहा करते "वो है बालक"

ना आज है हमारा
ना कल होगा तुम्हारा
फिरते रहोगे बन के बेचारा
कोई ना होगा तुम्हारा सहारा।

सोच के ना देखो आज तुम क्या हो?
मुड के ना देखो क्या हो रहा हो
आज है तुम्हारा, कल रहोगे बेचारा
बिन सहारा किस्मत का मारा।

डॉ। जडिआहसमुख

ख्वाब पुरे नहीं होते .. Khwab
Sunday, August 2, 2020
Topic(s) of this poem: poem
COMMENTS OF THE POEM
Mehta Hasmukh Amathalal 02 August 2020

आज है तुम्हारा, कल रहोगे बेचारा बिन सहारा किस्मत का मारा। डॉ। जडिआ हसमुख

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Mehta Hasmukh Amathalal 02 August 2020

Poem: 58890398 - ख्वाब पुरे नहीं होते.. Khwab Member: Sharad Bhatia Comment: Good evening sir, " पापा" से ही सारा संसार होता है, . जिसके नसीब मे पापा नहीं उसका जीवन खराब होता है क्यूंकि अपने सपने का गला घोट कर, हमारे सपने पूरे किये।। अपने सपने को बेच, हमारे सुनहरे सपने खरीद लिये।। हमारी की गई गलतियों को खुद को ज़िम्मेदार बताया, खुद नीचे सो कर हमे पलंग पर सुलाया।।

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Mehta Hasmukh Amathalal 02 August 2020

Poem: 58890398 - ख्वाब पुरे नहीं होते.. Khwab Member: Sharad Bhatia खुद कठोर बन हमे मुलायम जैसा बनाया, खाली जेब होते हुए भी खुद को राजा बताते थे। और अपने आप को बेच कर भी, हमारे लिये भी ढेर सारे खिलौने जो लाते थे।।

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Sharad Bhatia 02 August 2020

Good evening sir, " पापा" से ही सारा संसार होता है, . जिसके नसीब मे पापा नहीं उसका जीवन खराब होता है क्यूंकि अपने सपने का गला घोट कर, हमारे सपने पूरे किये।। अपने सपने को बेच, हमारे सुनहरे सपने खरीद लिये।। हमारी की गई गलतियों को खुद को ज़िम्मेदार बताया, खुद नीचे सो कर हमे पलंग पर सुलाया।। खुद कठोर बन हमे मुलायम जैसा बनाया, खाली जेब होते हुए भी खुद को राजा बताते थे। और अपने आप को बेच कर भी, हमारे लिये भी ढेर सारे खिलौने जो लाते थे।।

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Mehta Hasmukh Amathalal 02 August 2020

S. R Chandralekha 💯Absolutely right Why don't they realize They may have to face same fate one day. 1 Hide or report this Like · Reply · 1h

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Mehta Hasmukh Amathalal 02 August 2020

welcome s r chandrslekha 1 Edit or delete this Like · Reply · 8m

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Mehta Hasmukh Amathaal

Mehta Hasmukh Amathaal

Vadali, Dist: - sabarkantha, Gujarat, India
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