क्षत्रु का नाश
क्षत्रु का नाश सर्वप्रथम अग्रिमता
इतनी रखो दिल में हाम और क्षमता
नहीं तो फिर खानी पड़े खता
और खोना पडे ताज और सत्ता।
सांप का भरोसा नहीं करना
उसके फनो को है कुचलना
नहीं देना कोई मौक़ा पलटके वार करने का
नहीं तो आ जाएगा मौक़ा मरने का।
आज का काम आज ही करना
कल का भरोसा आज नहीं करना
कल की कल देखी जायेगी
आज की सुबह बड़े शोर से मनाई जायेगी।
मीठे बोल का अनुमान नहीं करना
उसका मकसद होगा बाद में अपमान करना
धीरे से सर को कलाम करना
और सलाम करके छू हो जाना।
में कोई संत और सयाना नहीं
पर बचकाना हरकत कभी नहीं
हर बोल का तोल जरूर होगा
पलटवार अंतिम और आखिरी वार होगा।
एक बात का ख्याल हमेशा रखो
क्षत्रु के क्षत्रु को दोस्त बनाके रखो
मुश्किल समय में हुकम का एक्का साबित होगा
हार को समय आनेपर जीत में पलट देगा।
ना रखो किसी का एहसान
देवा से कभी ना रहो परेशान
चुकाते रहो सही वक्त पर
दुश्मन को भी वधाई दो किसी नजदीकी की मोत पर।
ना रखो किसी का एहसान देवा से कभी ना रहो परेशान चुकाते रहो सही वक्त पर दुश्मन को भी वधाई दो किसी नजदीकी की मोत पर।
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पंड़ित मनीष श्रीमाली बहुत खूब श्रीमान But मुण्डे मुण्डे मतिर्भिन्ना। See translation Unlike · Reply · 1 · 40 mins