मुस्कान
शनिवार, १५ जनवारी २०२२
तेरे चेहरे की मुस्कान
मेरा हिल जाए इमान
मेरे दिलकी तु रही धड़कन
बीच में क्यों आ गई अड़चन?
मेरा दिल क्यों मचला मचला जाए?
तेरा नाम जुबां पर आ जाए
मेरी तकलीफों को बढ़ा जाए
पर मन कभी ना मान पाए।
ऐसी खूबसूरती को, कौन ना भाये?
मन भले ही मचले, पर कैसे भी याद आ जाए!
दिल को कहूं तू, मुज को क्यों तरसाए?
सब के बिच में मेरा मज़ाक क्यों उड़ाए? तेरे चेहरे की मुस्कान
मेरे आँगन की तू, तुलसी बन जाए
जीवन में खुशबु और रंगीनी छा जाए
तू बहा दे प्रेम की गंगा, मेरा मन चंगा हो जाए।
सारे दुनिया के दुःख, पल भर मे गुम हो जाए। तेरे चेहरे की मुस्कान
माना मेरे दिलने, जब भी तू मुस्कुराए
मेरे जीवन की गमगीनी दूर हो जाए
भीनी खश्बु मिट्टीकी, बरखा की याद दिलाए।
मेरे मुरजाए गुलशन में, फिर बहार आ जाए। तेरे चेहरे की मुस्कान
तु मुस्कुराते ही रहना, चाहे पाँव डगमगाए
में दिल में हजारों दीपक जगमगाए
जीवन का अन्धेरा पलभर में गायब हो जाए
रौशनी का पहरा, कायम हो जाए। तेरे चेहरे की मुस्कान
डॉ। हसमुख मेहता
साहित्यिकी
Swapan Chandra Wah kya bat hai ReplySee translation2
Debasis Bhattacharya Ham v ehi kobita por ek chobi dala Meri time line por, dekh lijie ReplySee translation3
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Hasmikh Mehta WELCOME.. Faith Mwirumubi