ओ मेंरे मालिक
शनिवार, १८ जनवरी २०२०
ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
मुझेनहीं उठना तेरे ऊपर
बस सर रहे, तेरे डग
मेरे आंसू बहे, उसके ऊपर। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
नहीं चाहिए मुझे ऐश्वर्य
नहीं है कोई चीज स्वीकार्य
वो सब तुच्छ, आशीष के आगे
लोग भले ही, पीछे भागे। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
मेरी आँखों में, सदा बसे रहो
सदा आशीष भी, बरसाते रहो
जीवन चलता, रहे आगे
भले ही में रहु, सदा पीछे। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
आया है बस, सुनहरा अवसर
मुझपर है उसका, खासा असर
में रहु ऋणी, और उपकारित
बहती रहे अमृतकृपा अविरत। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
अभी अभी तो, भोर भई है
जीवन में रौशनी आई है
में देख पाता हु मेरी राह
और यही रही है मेरी चाह। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
प्रभु मोरे अवगुण चित ना धरो
हर काम में मेरी मदद करो
में सदा रहूंगा आपका आभारी
यहीं है अंदरूनी विनती मारी। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर!
हसमुख मेहता
welcome Lafz Personal Blog 1 Edit or delete this Like · Reply · 16m
Aditi Raj JamwalActive Now Aditi Raj Jamwal Thanks for sharing my post regards 1 Delete or hide this Like · Reply · 9h
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प्रभु मोरे अवगुण चित ना धरो हर काम में मेरी मदद करो में सदा रहूंगा आपका आभारी यहीं है अंदरूनी विनती मारी। ओ मेरे मालिक, मेरे ईश्वर! हसमुख मेहता