सहारा
जिसने ढूंढा सहारा
समझलो वो जरूर हारा
वो बिल्कुल निश्चित है
आदमी चिंतित सा रहता है।
हमें सहारा क्यों चाहिए?
क्या हम काबिल नहीं है?
या कोई कोई रास्ता नहीं दिखता?
जो भो हो, सोच में है असमानता।
सहारा किसे चाहिए?
जिसे अपना मकसद पूरा करना हो?
अपनी हैसियत ना हो और जरिया ना हो
ऐसे में सहारा आवश्यक हो जाता हो।
सहारा उसे चाहिए जो समर्थ ना हो
कुछ भी करने में असमर्थ हो
कुछ मजबूरियां भी सहारा के लिए आगे करती है
सहारा एक अति आवश्यक चीज़ के रूप में महसूस करती है।
सहारे के लिए तभी कल्पना करो
जब अपने आपको महसूस हुआ हो
अपनी रणनीति के मुताबिक आवश्यकता हो
सहरा तब एक एक जीवनी बन चुका हो।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
सहारे के लिए तभी कल्पना करो जब अपने आपको महसूस हुआ हो अपनी रणनीति के मुताबिक आवश्यकता हो सहरा तब एक एक जीवनी बन चुका हो।