गीता - एक सारे उत्तर देने वाला रहस्य Poem by Izumi Shobhya

गीता - एक सारे उत्तर देने वाला रहस्य

जब देख सारे रिश्ते नाते रण मे
अर्जुन करुणा से भर आया था
चला त्यागने युद्ध वे भ्रमित हो आया था,
बोला
यह शासन क्या है
तीनों लोको के लिए भी नहीं मार पाऊंगा
अपने ही कुटुंब को मारकर सुख कैसा मैं पाऊंगा
कह वचन फिर जो श्री कृष्ण ने पार्थ को मार्ग दिखलाया था
वह सारा विवेक आ गीता में समाया था
साधारण सा अनुवाद
कुछ जटिल सा अर्थ समाता हैं
गीता वह रहस्य हैं
जिसका अनुवाद अनंत है
एक शीतलता मन को
और एक सम्भ्रम विचार भी अत्यंत है

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