तकलीफ है कुछ और दिनों की
नहीं, ये महायुद्ध है
हंगामी है ये वाकयुद्ध
इसकी कोई जरुरत नहीं
देश में किसी को सुनने की फुर्सत नहीं।
अर्जुन को श्रीकृष्ण उपदेश दे रहे है
देख लोग तुझे आशीर्वाद दे रहे है
तकलीफ में तो है फिर भी 'आह नहीं करते'
देश के लिए आज वो कुछ भी करते।
नहीं दिए जवानों को वो अस्त्रशस्त्र
खाते रहे धन दोनों हाथों से और फ़ौज रही निःशस्त्र
अच्छा हुआ कोई 'दुसरा कारगिल नहीं हुआ'
देश को और धक्का नहीं पहुँचा।
देश का सौभाग्य है
और दुश्मन का दुर्भाग्य है
सही समय पर ललकारा है
जवाब हमने भी देना करारा है।
बाहरी दुश्मन तो खदेड़े जा सकते है
भीतरी दुश्मनो को मात देना जरुरी है
पैसे दे दे कर देश को खोखला कर दिया है
कालाधन देश को तोड़ने में लगा दिया है।
देश के हर कोने में जयचन्द भरे पड़े है
देश के कुछ ही प्रहरी हौसला लिए खड़े है
दिक्कत तो है लेकिन जनता समझदार है
देश के उत्थान में वो बराबर की भागीदार है।
बस थोड़ा सा सब्र कुछ दिन ओर
ना करना कोई नुक्सान या हो जाना निशाचर
देश को जरुरत है अभी शांति और खेवना की
ना आना भ्रान्ति में ' तकलीफ है कुछ और दिनों की '
x dhawal desai Unlike · Reply · 1 · Just now 2 hours ago
x welcome azaz prince Unlike · Reply · 1 · Just now 2 hours ago
TARUN H Hasmukh Mehta Unlike · Reply · 1 · Just now 40 minutes ago
बस थोड़ा सा सब्र कुछ दिन ओर ना करना कोई नुक्सान या हो जाना निशाचर देश को जरुरत है अभी शांति और खेवना की ना आना भ्रान्ति में तकलीफ है कुछ और दिनों की
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monila toh Unlike · Reply · 1 · Just now 2 hours