उड़ सकता था
सोमवार, २० जनवरी २०२०
मुझे लोगो ने बहका दिया
मेरे नाम को झटका दिया
ना थे मेरे इतने अवगुण!
भूल गए मेरे सारे गुण।
में भी खुला रेह सकता था
खुले मेपंख पसारे उड सकता था
पर नहीं उड़ने दिया मुझे
बाते भी कीमुझे डराने।
"तू नहीं कर सकता कुछ भी"
"ना है हिम्मत तुज में अभी भी"
मैंने सर झुका के हामी भर दी
ना सोचा कभी और दिल्लगी की
में मन ही मन मुस्कुराता रहा
जीवन को बस सहारा देता रहा।
किसी ने कुछ कहा और किसीने पुकारा
बस देखता रह गया में बेचारा।
मेरा जीवन है मेरा
जहाँ हरदम रहता सवेरा
सूरज की रौशनी में रोशन हो जाता
मेरे चेहरे की मुस्कान को और निखारता।
में चलूँगा अकेला
रहूंगा मस्त मौला
हर डगरपरमेरी कहानी होगी
ना कभी रात वीरानी होगी।
हसमुख मेहता
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welcome Chandan Deka 50 mutual friends 1 Edit or delete this Like · Reply · 1m
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में चलूँगा अकेला रहूंगा मस्त मौला हर डगरपरमेरी कहानी होगी ना कभी रात वीरानी होगी। हसमुख मेहता Hasmukh Amathalal