## ये जवानी तो दीवानी है। ##
जब एक लड़की पर मेरी पड़ी नजर।
मुझे लगने लगी वो मेरी जाने जिगर।
शुरू मैंने उसे किया निहारना ।
पर लोगों को लगा वो ताडना।
था पुर्णिमा के चाँद सा चेहरा ।
ना बादलों का हो जिस पर कोई पेहरा।
बो आंखे काली मोटी थी।
लंबी बालों की चोटी थी।
थे गोरे गोरे उसके गाल।
थी नागिन जैसी उसकी चाल।
बो होंठ थे मदिरा के प्याले।
जिन्हें देख बने हम दिलबाले।
बो कुदरत का कोई कमाल थी।
पर लोगों की नजरों मे माल थी।
पर इससे फर्क नही पडता।
अब बो थी सब करता धरता।
ना उसने किया मुझ पर कोई गौर।
मुझे मिल ना सका जब तक कोई और।
मुझे लगने लगे बो अपने से।
फिर आने लगे मुझे सपने से।
सपनों मे बातें होने लगी ।
यु ही मुलाकाते होने लगी।
मन लगता नही उसे देखे बिन।
कट रही राते तारे गिन गिन ।
अब तक था उसने कुछ ना कहा।
ये अत्याचार दिन रात सहा।
ना मुझे कुछ फायदा होने लगा।
उसे लगा कुछ ज्यादा होने लगा ।
उस दिन उसने आंखे खोली।
ले साथ बहन एक मुहबोली।
बंदूक से निकली सी गोली ।
मेरे पास आई मुझसे बोली।
अब बंद करो मुझे घुरना।
मेरा boyfriend है सुरमा।
तेरी हड्डी पसली तोडेगा ।
नही चलने लायक छोडेगा।
बो चली गई थी यह कहकर।
आंसु निकले थे बह बहकर।
सोचा मैंने क्या करूँ जीकर।
तभी पड़ी नजर एक लड़की पर।
दिल फिर से मेरा बहक गया।
ये फर फर करके चहक गया।
अब फिर से बही कहानी है।
ये जवानी तो दीबानी है।
By-कुमार साबरिया
8058606438
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Ek dum jahar maar hi daaloge