Shiv Chandra

Shiv Chandra Poems

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
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आज का यह नया दौर है
सामान ऑनलाइन बेचने की होड़ है
सोचता हूँ अगर ऑनलाइन बिकने लगे ईमान
तो कैसे कैसे रहेंगे दाम
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बेईमानों का राज है भैया, बेईमानों का राज
समझ लो तुम ये आज, समझ लो तुम ये आज

नई नई योजनाये बनती करने नए घोटाले
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मेरे दिल के किसी कोने में कहीं जो एक जिद्दी परिंदा है

उम्मीदों से है घायल, और अपनी ही उम्मीद से जिंदा है
 
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अंधेरे को धरा से,
मार भगाएं।
रहे जिनकी जिंदगी में,
सदा है अंधेरे।
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तेरी छोटी स‍ी बगिया का,
सबसे सुंदर फूल हूं मां।
भूल ना जाना अर्पण करके,
तेरा ही अक्स हूं मां।
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“मिला वो भी नही करते,
मिला हम भी नही करते.”

“दगा वो भी नही करते,
...

The Best Poem Of Shiv Chandra

पर्यावरण

पर्यावरण को बचाना हमारा ध्येय हो
सबके पास इसके लिए समय हो
पर्यावरण अगर नहीं रहेगा सुरक्षित
हो जायेगा सबकुछ दूषित
भले ही आप पेड़ लगाये एक
पूरी तरह करे उसकी देखरेख
सौर उर्जा का करे सब उपयोग
कम करे ताप विद्युत् का उपभोग
रासायनिक खाद का कम करे छिडकाव
भूमि को प्रदूषित होने से बचाव
कचड़ो का समुचित रीती से करो निपटारा
फिर न होगी कोई नदी प्रदुषण का मारा
फैक्ट्रियो में जब सौर यन्त्र लगाई जाएँगी
वायु प्रदुषण में अपने आप कमी आएँगी
तब जाकर पर्यावरण प्रदुषण में कमी आएँगी
आधी बीमारिया अपने आप चली जाएगी

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