सब उसूलों को पराये कर, एक नयी दुनिया बसाई थी हमने
तुझे पाकर महसूस हुआ, बहुत सी दुनिया भुलाई थी हमने
प्रीत तुझ संग ऐसी की, अगर चाहूँ तोह हर सांस में तेरा दीदार होता है
चाहत के किस्सों को हम नहीं मानते, पर शायद यही तोह प्यार होता है
जिस गली से तुम गुज़रो उस गली से भी मोहब्बत हो जाती है हमको
अनजान नही तेरी मजबूरी से, पर शायद यही तोह मोहब्बत है तुमको
अब चलो बात कुछ इस तरह कर लेते हैं
कुछ गीले सिक्वे हैं अगर तोह अभी दूर कर लेते हैं
तुमसे प्रेम का नाता तो हम भी न छोड़ पाये
चलो रुख ज़िन्दगी का ही मोड़ लेते हैं
बस कह दूँ इतना की, तुम जुदा नही हो हमसे
हरेक सांस मे तो रहते हो जाना, कहाँ खफा हो तुम हमसे
शायद यह ज़िन्दगी रुस्वा है, मोहब्बत से अपनी
अगले दौर मे जब फिर साथ हो तो जल्दी मिल जाना फिर हमसे
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प्रेम के मार्ग पर चलते हुये गलतफहमियाँ पैदा होना असंभावित नहीं है. परस्पर विश्वास से इन्हें दूर किया जा सकता है. निम्नलिखित पंक्तियाँ इसी बात की ओर इशारा करती नज़र आती हैं: ab chalo baat kuch iss tarah kar lete hain gile shikwe hain agar toh abhi door kar lete hain chalo rukh zindagi ka hi mod lete hain