गलत राह पर चलेगे|
वो तो आएगा ही|
प्रभाव भी अवशय दिखाएगा |
उसका यही स्वभाव है|
आकस्मिक भी होता है|
काल्पनिक भी होता है|
अंतरात्मा में भी है|
पूर्वाभास में भी है|
हॉ यही सच है|
हम क्यो दूर भागे
सामना तो करना होगा
हॉ उसको समझना होगा|
कभी ना कभी यह
हर किसी से मुलाकात
कर ही लेता है|
डर तो डर है
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Dar ka saamna karna zaroori h.....nice poem....thank u for sharing :)