जीवन का आधार, सबकी आवशयकता है|
प्रसार का द्वार, विकास की राह है|
मिल जाह तो, सुख का आधार बन जाता है|
विस्तार का आरम्भ व भविष्य की योजना कार्यन्वित हो जाती है|
ना मिले तो, आवशयकता बन जाता है|
स्वपन व प्रयतन क्रिया अपना रंग दिखाती है|
भाग्यवान लोगो को मिलता है|
भाग्यहीन लोगो को नही मिलता|
रूप और रंग अनेक है|
कब, कहॉ और कोन सा रूप आपका स्वागत करेगा|
यह केवल समय ही जानता है|
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