चाँद सूरज, सितारे सभी दिलनशीं,
छा रही हो जहाँ हर तरफ ही खुशी,
ऐसे बचपन को मैं ढूँढता हूँ ||
खो गया जो जवानी के सैलाब में,
हो के मदहोश कोई हसीं ख्वाब में,
जो मिला न किसी जाम और शराब में,
ऐसे बचपन को मैं ढूँढता हूँ ||
कोई मुझको बताये कहाँ बालपन,
मेरा रंगी जहां खुशनुमा वह चमन,
जिसके साए में होते फ़रिश्ते मगन,
ऐसे बचपन को मैं ढूँढता हूँ ||
ज़िन्दगी भर की खुशियाँ सभी वार दूँ,
मालोज़र हारदूँ दिल औ जा वार दूँ,
गर कोई दे पता कहकशां वार दूँ,
ऐसे बचपन को मैं ढूँढता हूँ ||
लाख हों मैक़दे अब मेरी राह में,
लालारुख से हसीं हों मेरी चाह में,
रोक पाए न कोई कशिश राह में,
ऐसे बचपन को मैं ढूँढता हूँ ||
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