वो खुशबू न जाने कहा खो गयी Poem by Mukul Kumawat

वो खुशबू न जाने कहा खो गयी

Rating: 5.0

वो खुशबू न जाने कहा खो गयी
जो तेरे होने से महसूस हुआ करती थी...

जहाँ शामें लिया करवटे..
और राते छूप छूप कर रोया करती थी...

जहाँ शाखों पर पत्ते और..
पत्तों पर नमी हुआ करती थी...

जहाँ चुभती धूप में भी..
तेरे जोबन से शीतलता झलकती थी...

ना जाने वो खुशबू कहाँ खो गयी..
जो तेरे पास होने से महसूस हुआ करती थी...

Saturday, February 17, 2018
Topic(s) of this poem: lovers,memories,missing you
POET'S NOTES ABOUT THE POEM
When you couldn't find someone, who has been a part of your life.
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