चली जाएगी? Poem by Lalit Kaira

चली जाएगी?

वो कहती है
मैने उसे प्यार नही किया
उससे दूर दूर रहा
उसे रिझाया नही
या
पहले बताया नही
उसका शिकवा है
वो तो मोम थी
मैने ही उसे पत्थर समझा
अब कहती है
वो दूर चली जाएगी
मेरे घर से
मेरी नजर से
मेरे ह्रदय से
शिकायत उसकी
गुस्सा उसका
मुझे सजा देने का अधिकार भी उसका
मैं भी उसका
किन्तु
मेरा क्या?
और अब चली जाएगी
मेरे घर से
पर क्या जा पाएगी
मेरे ह्रदय से
मेरी नजर से

Wednesday, July 16, 2014
Topic(s) of this poem: love
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Lalit Kaira

Lalit Kaira

Binta, India
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