आगे बढ़ते जाएंगे
सोमवार, १८ मई २०२०
अब दौड़ के आए हो आंसू पोछने
इतनी देर लगा दी वातानुकुल कमरे से बाहर निकलने
थोड़ी सी रहेम दीखाते कुछ दिन पहले?
क्यों कर रहे हो ये सब नौटंकी नेहले पे देहले?
क्या आपके पास पैसो की कमी है?
या नजरो में अमी में कमी नहीं है
जहाँ थोड़ी सी जगह मिल जाए वहां दौड़ जाते हो!
हम मजदूरों का मजाक उड़ाते हो?
हमारे राज्य ही हमारी उपेक्षा कर रहे है
बस चुनाव में अच्छे नतीजे की प्रतीक्षा कर रहे है
हम मरे या ज़िंदा रहे
वो सब बस मगर के आँसू बहाते रहे है ।
मानवता कहाँ मर गई है?
कितनी लाशों के ढेर लगा गई है
अभी भी तुम्हारा दिल नहीं भरा है!
हमारी मजाक उड़ाने का क्या परवाना मिला हुआ है?
एक दिन भूखे रहकर तो देखो
सर पे टोकरी रखकर पैदल चलकर तो देखो
नानी याद आ जाएगी और कोसते रहोगे
बच्चे, बूढ़े, युवानो को मरते हुए देखोगे।
अभी भी दिल नहीं भरा है? छोड़ दो हमें हमारे हालपर
यदि काबू नही कर पा रहे हालातपर
देश हमारा, वतन हमारा हम रहे श्रमिक
बस अब रह गए है बेसहारा पथिक!
नहीं चाहिए हमें तुम्हारी हमदर्दी
भले रहे हम बेसहारा और दर्दी
अरे रहम करो लोगो पर ओ वर्दीवालों
क्या दिखाओगे भगवान् को दिदार ज़मींवालो? ।
हम नहीं श्राप दे रहे है
बस आपको ये चीज देने से बच रहे है!
हमारा जमीर डोल रहाहै, दिल कराह रहाहै
आप सब सलामत रहो पर हमसे नहीं सहा जा रहा है।
घर जाने दो हमें हमारे कबीले के पास
बस यही बची कुछ है एक आस
जब तक सांस में सांस है चलते रहेंगे
भूखे, प्यासे, नंगे पाँव, पर आगे बढ़ते जाएंगे।
हसमुख मेहता
M.A. Rathore शानदार, सटीक और समयबन्ध रचना। 1 Delete or hide this Like · Reply · See Translation · 2h Ramnarayan Sony Ramnarayan Sony Very nice 1 Delete or hide this Like · Reply · 15m
welcome Alpeshbhai Mehta Sacchai bahut mushkil hoti hain 1 Delete or hide this Like · Reply · See Translation · 56m
Alpeshbhai Mehta Sacchai bahut mushkil hoti hain 1 Delete or hide this Like · Reply · See Translation · 56m
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Patiram GurjarActive Now Patiram Gurjar बेहद आग है सच्चाई की, आपकी वाणी में 1 Delete or hide this Like ·