दीवाली खूब मनाना रे! !
जमकर धूम मचाना रे!
लेकिन ये भूल ना जाना रे! !
बाहर का अंधेरा भगाकर,
भीतर का तम भी मिटाना रे! !
दीवाली......
इतने अद्भुत राष्ट्र मे जन्मे इसी बात का गर्व है!
उल्लास, प्रेम, सत्य, शांति, सौहार्द का ये पर्व है! !
उपहार और मिठाई देकर सबको गले लगाना रे! !
दीवाली......
छोटे और बड़े सर्वत्र, स्नेह अपार बरसाएँ!
इस पावन पर्व की, सबको मंगलकामनाएँ! !
मगर पटाखों के प्रदूषण से पर्यावरण को बचना रे! !
दीवाली.....
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Jamkar dhum machaanaare, Diwali khub manaanaare. Wonderful poem shared on the desk. Nice keep on writing. May God bless you.