हमारे सपने हम संवारते रहते है
गुजर जाना राह से
नजर डालना ना भुलना
हमतो निगाहें जमाएं बैठे है
बस कहने दो हम आपको चाहते है।
पसंद हमें भी नहीं
पर बात बनती नहीं
कैसे कहें हम दिल की बात?
कतई ही नहीं कटती काली रात।
सूनापन हमें मार देगा
हमारे सपने बेकार कर देगा
हम प्यासे ही रह जायेगे
ओर आप रस्ते से गुजर जाएंगे।
कोई कहे ये हमें मंजूर नहीं
भली ही धरती बंजर सही
हम नए फूल खिलाएंगे
चारो और चिडीयोंको चेहकायेंगे।
धरती पर आप स्वर्ग को देखेंगे
हर चीज़ में आप हमें पाएंगे
ना कोई होगा हमें अलग करने वाला
बस कृपादृष्टि रखना अय ऊपरवाला।
हमें आपका रूखापन रास नहीं आएगा
बस एक ही आस को पूरी नहीं कर पायेगा
जोजन दूर तक हम आपको देखते रहते है
हमारे सपने हम संवारते रहते है।
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