होने तो दो एक मुलाक़ात
ना छिपाए बनता है
ना दिल में रखे रखता है
ख़ुशी झलक ही जाती है
मन ही मन हंसी आही जाती है।
सोचा था उड़ान आसान होगी
मेरी अलग से पहचान होगी
में दुनिया को मेरी पसंद दिखाउंगी
और चाहत को अंत तक निभाऊंगी।
मेरे पंख मुझे ले चलते है
मेरे पाँव जमीं पर नहीं रुकते है
सहेलियां भी मुझे तांग करती रहती है
मनो सभी मिलकर इशारों में ही कहती है।
ये मेरा ही भ्रम है
पर जोश और हैं भी उतना ही है
प्यार की बोली को मेंसे सूना है
हर शब्द मेरे लिए एक गाना है।
वो पुकारे या ना पुकारे
में हूँ उनके सहारे
चल पडूँगी बस एक इशारे
मेरी मंज़िल अब दूर नहीं प्यारे।
न मुझे धन चाहिए या दौलत
बस अब तो बन गयी है एक आदत
हो जाउंगी उनकी इबादत
बस होने तो बस होने तो दो एक मुलाक़ात।
न मुझे धन चाहिए या दौलत बस अब तो बन गयी है एक आदत हो जाउंगी उनकी इबादत बस होने तो बस होने तो दो एक मुलाक़ात।
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प्रेम की उमंग में उत्साहित नायिका द्वारा भावनाओं की उत्कट अभिव्यक्ति.