मनको मनाना था
ना जाने क्यों दिल मेरा लगता नहीं?
तुझे ढूंढता है आसपास और यहीं कही
पवन की खुश्बू मनको लुभाती है
पता नहीं तेरी ये हरकत क्यों शरारती है?
देखा था फूल मैंने इस बंजर जमीं पर
देल दे चुका था में बस उसकी एक हामी पर
पता नहीं में क्यों इतना बेकरार हूँ?
वो है मेरी आत्मा में तो सिर्फ एक शरीर हूँ।
दिन आते है और ढल जाते है
मौसम खुद सुहाने हो जाते है
रात की चांदनी मुझे अब सोने नहीं देती!
मुझे खूब रुलाती याद में, जब काली छाया ढक जाती।
मन का चंचल होना स्वाभाविक है
आप के बोल भी मीठे और रसिक है
मैं तो बह जाता हु उसकी तेज धारा में
आसान नहीं लगता अब कोई किनारा हमें।
मुरली जब बजती है दिल के भाव से
हवा भी थम जाती है उसके अंदाज़ से
क्यों ना दौड़ आती हो तुम, सब कुछ छोडछाड के?
रखो ना डर मन में किसी छेड़छाड़ के।
कह दूंगा मन की बात जब सामने होंगे
रखूंगा दिल से एक न्याता, जब हम मिल बैठेंगे
रखना तुम अपनी बात, हम भी चाव से सुन लेंगे
देखेंगे शकल के हावभाव, मन को भी खुद मना लेंगे।
ना रख पायेंगे मन का बांध काबू में
बस अब तो साख और आबरू है आपके हाथों में
एक 'हाँ' ही बदल डालेगी मेरे किस्मत का रुख
फिर काहे को होगा संताप और मन मे दुख।
सोचना आपका काम है, पर दिल कभी ना दुखाना
हो जाओ दूर तो कोई, ना रहेगा मन में अफ़साना
हमने तो कह दिया आपको, सरलता से कहना था
'हम तो आप के ही है' यह कहकर मनको मनाना था
Hasmukh Mehta Shujat Ahmad and Lena Bassford like this. a few seconds ago · Edited · Unlike · 1
Lena Bassford liked it cuz I wud love to see it translated by you! ! ! 9 hours ago · Edited · Unlike · 1
Mukesh Kumar Bharma likes this. Hasmukh Mehta welcome 3 secs · Unlike · 1
Arti Karkera likes this. Hasmukh Mehta welcome arti 3 secs · Unlike · 1
Sanjay Kurmi and Saket Santosh Patel like this. Hasmukh Mehta welcome 3 secs · Unlike · 1
welcome rahul ahir, tarun patel n akash khunt 13 secs · Unlike · 1
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