ना चले मदारी बीन बीना
हम भी ना चले सोच बीना
ना चले भिखारी भी किस्मत बीना
बाद में हम कहे की 'ये कोई भला है जीना '
चलना तो है पर साथ मे है सम्हलना
कामना है चलो कमाले कुछ नामना
बढ़ना भी आगे कुछ होंसले लेकर
नहीं छोड़ेंगे पथ बिना कुछ हांसिल कर।
बहुत बार कठिनाई आयी
मन गभराया पर रास्ता छोड़ नहीं पायी
मन में था विष्वास कुछ कर गुजरने का
अब सवाल ही नहीं उठता था पीछे हटनेका।
आगे कुआँ ओर पीछे थी खाई
फिर भी हमने हिम्मत जुटाई
'बस आगे ही बढ़ना है' कुछ भी हो जाए
इसी सोच में की हम में और चेतना आ जाए
साहस की कमी महसूस नहीं हुई
बस एक बात दिमाग में बारबार आई
ऐसा क्या है जो उत्साहित करता है?
आदमी हतोत्साह नहीं होता, और आगे ही बढ़ता है
जिंदगी एक बार फिर अंगड़ाई लेती है
नए सन्देश के साथ फिर खुशियाँ लाती है
'जिओ और जीने दो' का स्मरण भी कराती है
संसार का नियम बखूबी से समझाती है।
आाजकल जिंदगी को बदनाम किया जा रहा है
कुदरत को भी मलिन और जालिम करार दिया जा रहा है
पूरा जल, वायु और धरती को प्रदूषित कर दिया है
यदि आदमी मर भी जाये तो उसे दफ़न करना महंगा कर दिया है
क्यों ना हम फिर से भाई भाई कहलाए?
भाईचारा को समझे ओर संसार को बतलाए
खूनखराबा करना हमारी मनसा नहीं
पहचान और बड़प्पन ही लगन यही।
बढ़ाएंगे जिंदगी के कदम कुछ यूँही सोचकर
मिलेंगे गले से यदि सब चाहेंगे मिलकर
मिलते तो पहले भी थे पर इसबार खुलकर
नहीं करेंगे एतबार कुछ गलत सुनकर
Hasmukh Mehta welcome minaxi chauhan Just now · Unlike · 1
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Keshav Kumar Very nice lines sir 1 min · Unlike · 1