सम्हाल रहे थे धुरा पुस्तेनी
ना हँसे हम उनपर
और ना हँसे वो हमपर
बस दर किनारा करते गए
ज़माने के साथ साथ चलते गए
किस्मत का खेल था जो जादू कर गया
बहता पानी एकदम गन्दा हो गया
मलिन विचार थे उनके हमारे लिए
बस वो ही काम गर गये जब आप बददुआ दे गए
रास्ता कहाँ से बदलते, जब होश ही नहीं था?
आपको खोने का गम सताए जा रहा था
बीच भंवर में हम ऐसे फंसे थे जैसे तुफान आनेवाला था
हमारे भाग्य को वह बुरी तरह से तहसनहस करनेवाला था
मन में हम खूब ठानी और हर ख़ाक को छानी
पर मन की मन में रह गर बनकर कहानी
हम सोचते रहते थे उनकी मंद मंद हंसी पर
पर यहाँ तो जान थी फंसी थी कगार पर
आप थाम लेते यदि हमारी डूबती नैया
हम आज भी रहते आपके छबीले छैया
पर भाग्य को ये मंजूर नहीं था
और आपका सहयोग आनेवाला नहीं था
हम रह गए जहर का घूंट पीकर
मानो शहद बचा हो शहीदी पर
हम चले थे प्यार की उस राह पर
जहाँ पर अपने तो सब थे, पर हँसते थे 'आह' पर
माना की आप भी डरे डरे और सहमे सहमे थे
पर आप चुस्त और सही खेमे में थे
हमारा हाल कुछ अजीब सा था
आप तो थे करीब, पर में बन गया गरीब सा था
ना छुट रही थी वो गमगीनी
और नाहीं छुट रही थी नादानी
दिल को मानो घेर रही थी बेचेनी
जैसे हम सम्हाल रहे थे धुरा पुस्तेनी
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