घर-घर में जिसे मिला मान,
करती सबका है कल्याण;
जिसके बल पर चले घर-बार,
शिक्षा बड़ी उदार।
गांधी, नेहरू और कलाम,
इसकी बदौलत बने महान;
दूर करे अज्ञानी अंधकार,
शिक्षा बड़ी उदार।
दीन को दिलाती यह पहचान,
इसके आगे रंक-न-राजा;
सभी को देती मान समान,
तलवार से अधिक है इसमें धार,
शिक्षा बड़ी उदार।
हुए बड़े-बड़े अनुसंधान,
इसीसे निर्मित महान विज्ञान;
मूल है इसकी शिष्टाचार,
शिक्षा बड़ी उदार।
इसीसे होता भाषा-ज्ञान,
इससे बड़ा नहीं कोई दान;
लालसा जिसकी करे संसार,
शिक्षा बड़ी उदार।
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जीवन में शिक्षा के महत्त्व को रेखांकित करने वाली इस रचना के लिए धन्यवाद, मित्र. यदि समाज व देश को विकसित देशों के मुकाबले में आगे ले जाना है तो यह जरुरी है कि सभी भारतवासियों को प्राथमिक तथा उच्च शिक्षा के पर्याप्त अवसर सुलभ कराये जाएँ.