अब की बार होली में! Poem by Sachin Brahmvanshi

अब की बार होली में!

Rating: 5.0

अब की बार होली में!

उल्हासपूर्ण सतरंग सहित,
भिगो देंगे सभी को रोली में,
अब की बार होली में!

आमादप्रमोद के दृश्य दिखेंगे,
चहु ओर सभी की खोली में,
अब की बार होली में!

उत्साह एवं ललकारभरी अब,
ध्वनि गूँजे सभी की बोली में,
अब की बार होली में!

परसेवा, परप्रेम, परहित,
संदेसा यही दे हर एक गीत,
ऊँच-नीच की देहरी लाँघ,
समभावी रंग गढ़े जाएँ,
घर-घर की रंगोली में,
अब की बार होली में!

रंगना है सभी के गाल,
रिक्त न रह जाए देह-कपाल,
सर्वत्र परस्पर रोरी-गुलाल,
बच न पाए कोई इस साल,
जुनून यही हर एक छोरे-छोरी में,
अब की बार होली में!

देखते ही देखते भ्रम में डाल,
कर दें सब के तन रंग-लाल,
पलक झपकते ओझल हो जाएँ,
खेले जैसे आँख-मिचौली में,
अब की बार होली में!

जश्न मनेगा अब त्रिभुवन में,
बनेगा हर कोई प्रिय नंदलाल,
वही कृष्ण है, वही गोपाल,
दर्शित होंगे गिरधर-राधिका,
हर एक बाल व गोरी में,
अब की बार होली में!

द्वेष-कलेश का विलोपन कर,
सद्भावों का रोपण कर,
प्रीति की डोर से बँध जाएँ सब,
चाहे हों बैरियों की टोली में,
अब की बार होली में!

दहन करें विषादपूर्ण जीवन का,
कहीं और नहीं होलिका भोली में,
प्रेम के गुलशन खिल जाएँगे,
होंगी खुशियाँ सब की झोली में,
अब की बार होली में!

Friday, March 2, 2018
Topic(s) of this poem: holi
COMMENTS OF THE POEM
Rajnish Manga 15 March 2018

होली के माहौल की सुंदर अभिव्यक्ति. आपसी भाईचारे को समर्पित एक खूबसूरत कविता.

0 0 Reply
Kumarmani Mahakul 02 March 2018

This is a lovely poem brilliantly and tenderly composed with happiness and enjoyment. Colours deeply impact life. I am wishing you very Happy Holi. This is an excellent poem...10

1 0 Reply
Sachin Brahmvanshi 02 March 2018

Thanks for your praiseworthy comment Sir...It really means a lot to me...And wish you and your family a very happy holi! !

0 0
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Sachin Brahmvanshi

Sachin Brahmvanshi

Jaunpur, Uttar Pradesh
Close
Error Success