काश इस कदर न आँखें मिलाई होती मुझसे एक रोज,
तो तेरे पलभर के दीदार को तरसना छोड़ देता ये दिल!
काश न तेरे प्यार की खुशबू आई होती मेरी ओर,
तो खिली हुई बगिया-सा महकना छोड़ देता ये दिल! !
काश न यूँ तेरी बातों का असर छाया होता मुझपर,
तो तेरे हर कहे अल्फ़ाज़ पर बहकना छोड़ देता ये दिल!
काश यूँ न एक दिल दूसरे दिल की चोरी को अंजाम दे पाता,
तो उस दिल के खातिर इस कदर धड़कना छोड़ देता ये दिल! !
काश न तूने संग रहने की कसमें दी होती मुझे,
तो तुझसे मिली रुसवाई के ग़म में तड़पना छोड़ देता ये दिल!
काश न तूने मेरे संग ज़िंदगी गुजारने के सपने सजाए होते इस कदर,
तो तुझे अपने ख्वाबों में तैरता देख चहकना छोड़ देता ये दिल! !
काश न तुझे पाने की आस तूने जगाई होती मेरे मन में,
तो तुझे खोने की सोच पर भी सहमना छोड़ देता ये दिल!
काश तेरे दिल में किसी और की तसवीर है यूँ कह दिया होता,
तो तुझे किसी और का होते देख आग के दरिया-सा दहकना छोड़ देता ये दिल! !
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प्रेम की अभिलाषा के साथ प्रिय को खो देने का डर अथवा आशंकाओं से उत्पन्न एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति जहाँ सब कुछ अनिश्चित दिखाई देने लगता है. धन्यवाद, मित्र.