बिगुल बजा और ढोल नगारा
जमगया फिरसे यार अखाड़ा
लफ़्ज़ों के फिर तीर चलेंगे
शीर कहीं शमशीर मिलेंगे
कई मदारी बन्दर होगा
सर्प सपोला खंजर होगा
कहीं राम का बाण चलेगा
सेना, पकिस्तान चलेगा
धर्म बटेगा ज़ात बटेगा
सुबह शाम दिन रात बटेगा
नाम से गाओं इंग्लैंड बनेगा
झुग्गी स्विटज़रलैंड बनेगा
वादों के अम्बार लगेंगे
दिन में तारे ख़ूब दिखेंगे
राफेल पे नीरव, माल्या होगा
देश यूँ ही दीवालया होगा
जुमलों की फिर चलेगी आंधी
फंसेगी जनता सीधी साधी
गर भक्त बने तो हिनुस्तानी
कुछ बोलो तो पाकिस्तानी
रोज़गार की बात ना पूछो
चाय पकौड़ा घूमो बेचो
काले धन को भूल ही जाना
अच्छे दिन ना याद दिलाना
वरना देश द्रोही होगे
तुम भी एक विद्रोही होगे
न्यूज़ रिपोर्टर पेपर टीवी
ख़ूब करेंगे चमचागिरी
चमचों से किरदार बचाना
ज़रा सोच कर फ़र्ज़ निभाना
फूल हैं ना ये हाथ तुम्हारे
मुस्तक़बिल है साथ तुम्हारे
जनता मांगे और किसान
मांग रहा है हिन्दुस्तान
रोज़ी रोटी और मकान
प्यार मोहब्बत निष्ठा ज्ञान
बिजली पानी रोड सफाई
वोट में याद ये रखना भाई
: नादिर हसनैन (अलीनगरी)
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