भारत का किसान हूँ Poem by NADIR HASNAIN

भारत का किसान हूँ

(भारत का किसान हूँ)

हरी भरी इस धरती का मैं सच्चा निगहबान हूँ
भारत का किसान हूँ मैं भारत का किसान हूँ

बंजर मिट्टी सींच सींच कर कोहेनूर बनाता हूँ
अन्न दाता कहलाता हूँ मैं मैं भी हिन्दुस्तान हूँ
भारत का किसान हूँ मैं भारत का किसान हूँ

धरती सुनहरी बाग़ है मेरा उसका बाग़बान हूँ
भारत का किसान हूँ मैं भारत का किसान हूँ

दलहन तेलहन सब्ज़ी दाना जड़ी बूटी फल फूल उगाना
बूढ़े बच्चे मर्द जनानाखाते मेरा उपजा खाना
मेहनत लगन ख़ुद्दारी से इस देश का मैं अभिमान हूँ
भारत का किसान हूँमैं भारत का किसान हूँ
नादिर हसनैन (अलीनगरी)

Sunday, July 7, 2019
Topic(s) of this poem: farmers,love
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