हँसो,
खुश रहो,
मस्त रहो,
मगर यूँ ना मरो,
सीने में आग भरो ।
जाग,
जगेगा भाग्य,
रेशमी रथ पर हो सवार,
कोस मत
कोसना है बेकार,
अपने हक के लिये लड़ो,
मत डरो,
हँसो,
खुश रहो,
मस्त रहो,
मगर युँ ना मरो,
सीने में आग भरो ।
राग,
बस एक ही राग,
अलापते हो क्यों?
गलतियों पर चादर डालते हो क्यों?
अपनी हो या औरों की...
सुधार..
मत ले किसी से उधार,
क्यों बिगाड़ता है श्रृंगार?
तनिक धीरज धरो,
मत डरो
हँसो,
खुश रहो,
मस्त रहो,
मगर युँ ना मरो,
सीने में आग भरो ।
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khus raho, mast maro, life is for pleasure!