करलो बंदगी
बुधवार, १५ जनवरी २०२०
जिंदगी
करलो बंदगी
नहीं सुधरे तो आएगी मंदगी
फिर भीयही है पसंदगी।
नहीं कोई मरना चाहता
जीने की चाहत में जीता
अपना कारोबार बढाता
लक्ष्मी का भक्त बन जाता।
जिंदगी का सुहाना सफर
वचन उसका रहता अफर
आए हो जहाँपर तो जाना होगा'
सब को अपना बनाना होगा।
रहती है मस्त युवानी
हरकतरहती है बचकानी
मीजाज का अंदाज़ ईश्कानी
भली ही हो जिंदगी फानी।
हम तो करेंगे प्यार
हो जाएंगे पंखपर सवार
पहला हम करेंगे वार
कभी नहीं देखेगी मुड़कर एकबार।
हसमुख मेहता
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
हम तो करेंगे प्यार हो जाएंगे पंखपर सवार पहला हम करेंगे वार कभी नहीं देखेगी मुड़कर एकबार। हसमुख मेहता Hasmukh Amathalal