Jugalkishore Gupta • 3 mutual friends
मित्रता के शुभारम्भ पर आपको एवं आपके परिवार के लिए उत्तम स्वास्थ, दिर्घाऊ जीवन, मान सन्मान, सुख समृद्धि, यश, वैभव, उत्तरोत्तर प्रगति, और आपकी हर मनोकामना पूरी होवे तथा आप अनेक कीर्तिमान बनायें। और देश की शान बने ।हमें आप पर बहुत अभिमान है। मैंने आपकी बहुत से कार्यों की फेसबुक में पोस्ट पढ़ी है ।मै बहुत ही प्रभावित हुआ हूँ ।
कविता बनाने पर।
में गदगद हुआ
आत्म सन्मान भी हुआ
क्या लेखनी इतनी प्रभावित कर सकती है?
मानवता को प्रज्वलित कर सकती है?
कभी आपसे परामर्श नहीं हुआ!
विचार विमर्श भी नहीं हुआ
में डूब गया अपने विचारो में
यही तो है विविधता हमारे आचार में।
मैं ने पूरा काल समर्पित किया हैं
लेखनी को पूर्ण रूप से अपनाया है
साहित्य की कुछ रूचि पूर्ण हो
यही कामना मेरी संपूर्ण हो।
कई वाचक मेरे तक नहीं पहुँच पाते
पर पढ़ते जरूर है मुझे अपना के
में दंग रह जाता हूँ उनके प्रतिभाव पढ़कर
इस से ज्यादा में क्या चाहूंगा जीवनभर?
मुझे गौरविन्त कर के आप सबने सन्मान बढ़ाया है
पता नहीं आप सबका मुज पर कितना बकाया है
में सैनिक रहा, किसान रहा, और संघंठन नेता भी रहा
पर ऐसा सन्मान मुझे कभी मिलने से रहा।
में कुशल कवि कभी ना रहा
फिर भी अपनी बात कहता रहा
कइयों ने फटकार लगाई और न सराहा
फिर भी में अपने प्रयास में टिका रहा।
आज मुझे अपने देशवासियों पर गर्व है
परदेश से भी लोग मेरी कविताओं को पर्व मानते है
में दंग रह जाता हूँ सरस्वती माँ की उस कृपा पर
जो मुझे वरदान स्वरुप शक्ति प्रदान करती है कविता बनाने पर।
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem
Aapki kavita bahuth pyaari hai. Aapney sahi kaha, Saraswati maa ki krupa jahan hoothi hai, woh ek vardaan kehlaathi hai. Aapki lekhni bahuth acchi hai.... Loved reading it. Thanks for sharing...