मोहब्बत थी मुकम्मल कल, आज हर तरफ वीराना है
यहाँ से दूर जाना है... यहाँ से दूर जाना है...
सफ़र ही है सफ़र अब तो भले हमसफ़र साथ ना हो,
हमें तो दूर जाना है, यहाँ से दूर जाना है...
खिला है फूल चमन में तो मुरझा के भी कहना है,
वफ़ा का नूर है ये तो सदा के लिए रह जाना है |
यहाँ से दूर जाना है... यहाँ से दूर जाना है...
शिकायत थी नहीं तुंझसे, शिकायत अब नहीं तुझसे,
वफ़ा के ये अदा जीतने, मुझे वफ़ाएँ दी तुमने,
मुझे बस तुझपे मारना है, यहा से दूर जाना है...
खफ़ा गर तुम हो कभी तो, मुझे हर पल मनाना है,
मिला जो साथ मुझे तेरा, प्यार का ये तराना है |
यही हर बार कहना है, यहाँ से दूर जाना है...
मोहब्बत थी मुकम्मल कल, आज हर तरफ वीराना है
यहाँ से दूर जाना है... यहाँ से दूर जाना है...
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Kya baat hai, Padh kar maza aagaya.
जी शुक्रिया...