यादों में...माँ Poem by Vikash Ranjan

यादों में...माँ

हर दुआ से बढ़कर 'मेरी माँ' तेरी दुआ है,

हर वक़्त तेरा प्यार मिला जबसे जनम हुआ है |

जाने कैसे लोग भूल जाते हैं सुख-दुख की साया को,

क्यों याद नहीं रख पाते हैं भगवान की माया को |

मैंने हर शब्द लिखने से पहले दिल से तेरा पैर छुआ है,

हर दुआ से बढ़कर 'मेरी माँ' तेरी दुआ है |

Saturday, October 22, 2016
Topic(s) of this poem: life,mother,prayer
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