कितना मुश्किल होता है... Poem by Vikash Ranjan

कितना मुश्किल होता है...

कितना मुश्किल होता है, ऐसे तन्हा जीने में।
एक दर्द है मेरे सीने में, एक दर्द है तेरे सीने में।

कभी नींद नही आती है, तो कभी मुकम्मल नही हो पाती है।
जाने कितनी खुशी मिलती होगी, हम इंसानों को ऐसे तड़पाने में।

बहुत कमजोर पड़ गए जिंदगी की राह में।
ये कहां आ गए हम एक-दूसरे की चाह में।
कैसे बताऊँ तुझे ऐ दिल, कितना रोया मैं अनजाने में।

कितना मुश्किल होता है, ऐसे तन्हा जीने में।
एक दर्द है मेरे सीने में, एक दर्द है तेरे सीने में।

Tuesday, October 18, 2016
Topic(s) of this poem: love,love and life,sad love
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success