तुम जो यू अपनेआसू को बहाओगे
हम तुम्हारे आसू को गिरनेे से पहले अपने हाथ मे से लेगे|
तुम जो यू उदास होगे
हम खुशनुमा महोल बना देगे दूर कर देगे तुम्हारी उदासी|
तुम जो यू गुस्सा करोगे
हम प्यार से गुस्से को मुसकुराहट मे बदल देगे|
तुम जो यू मुसकराहट दोगे
हम उस मुसकुराहट को सब परिवार मे बाट देगे|
तुम जो यू प्यार जिस भाव मे दोगे
हम उसी भाव मे प्यार को समाज मे बाट देगे|
ऐसे प्यार की आवशयकता है मेरे, तुम्हारे और हमारे भारत वर्ष को|
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yadi har vyakti isi soch aur bhavna se kaam kare to desh ki har samasya ka samadhan nikal sakta hai. bahut sundar. chitra bhi akarshak hai.