वही बनाता भी है|
वही बिगड़ता भी है|
वह चलयमान रहता है|
वह विश्वसनीयता को प्रेरित करता है|
आधुनिकता में भी उसका वर्चस्व है|
परिणाम भी वही दिलाता है|
उसके बिना जीवन नीरस हो जाता है|
वह वर्तमान, भूत व् भविष्य सब में विद्धमान है|
वह अमरता के पास है|
वही है मेरा, तुम्हारा और आपका अपना कर्म है|
This poem has not been translated into any other language yet.
I would like to translate this poem