झूठ Poem by Ajay Srivastava

झूठ

मैं हर किसी के लिए ढाल प्रदान करने में सक्षम हूँ
जो खुद को पीड़ा से बचाना चाहते हैं.
मैं सर्वव्यापी हूँ. और बहुत तेजी से सबको स्वीकार कर लेता हूँ.
हर क्षेत्र मेरे अस्तित्व स्वीकार किए जाता हैं
मैं हर किसी के जीवन का एक हिस्सा हूँ और
मेरे बिना जीवन की कल्पना असंभव है.
कुछ मुझे सफलता का एक सूत्र के रूप में उपयोग करते है
लेकिन खेद बात है कि मेरी जिंदगी कम है
जब मैं बाहर आता हूँ.हर एक को शर्म आती है
यह मेरे अस्तित्व का कठिन सच है
कठोर वास्तविकता को जानते हुए भी मेरा पालन करते है
डर के साथ मेरी दोस्ती लंबे समय तक चलती है
डर एक और केवल एक शक्ति है जो मेरे अस्तित्व में प्रमुख भूमिका निभाते है.
मेरे कट्टर दुश्मन सच है, जहाँ मैं एक पल ठहर नही पाता 11

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