रंगो की कलाकारी Poem by Ajay Srivastava

रंगो की कलाकारी

कलाकारी का अवसर है |
रंगो का प्रदर्शन है |
दुशमनी के रंगो को फेकने का रंग है |
प्यार के रंगो को लगाने का रंग है |
बाल व बालाऔ के लिए स्फूर्ति का रंग है |
युवाओ व युवतीयो के लिए मस्ती का रंग है |
परिवारो के लिए सांस्कृति का रंग है |
देश के लिए एकजुटता का रंग बन जाता है |
भले कुछ समय के लिए भेद-भाव दूर हो जाता है |
यही पहचान है, यही प्रयास है, यही अवशयकता है |
रंग बिरंगी होली है और यही होली की कलाकारी है |

रंगो   की कलाकारी
Friday, March 25, 2016
Topic(s) of this poem: holi
COMMENTS OF THE POEM
READ THIS POEM IN OTHER LANGUAGES
Close
Error Success