गलतीयो का परिणाम Poem by Ajay Srivastava

गलतीयो का परिणाम

तुम्हारा हो या हमारा हो|
वास्तविकता के धरातल से मिल ही जाता है|

अनुभव केे क्षण दे जाता है|
भविष्य के लिए सजग कर जाता है|

स्वय को ज्यादा मिलने का अहसास कराता है|
दूसरो को कम मिलने का अहसास करा देता है|

कभी दिल को छू जाता है हमेशा रहने के लिए आ जाता है|
तो कभी खुशी दे जाता है जीवन का भाग बन जाता है|

गलतीयो करने या करवाने का परिणाम है|
दूसरो को देने की चाह उत्तपन्न कर देता है|

गलतीयो का परिणाम
Monday, April 11, 2016
Topic(s) of this poem: question
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