चलो-चले Poem by Ajay Srivastava

चलो-चले

चलो एक नई दिशा मे|
चलना है समय के साथ|
चले आधुनिक तकनीक की खोज मे|
चलता है को भुलाना है|
चलना है कठिन पथ पर|
चलाना है हर भारतीय को वेग्यनिक तकनीक पर|
चलो-चले एक कदम आप बढाए एक कदम हम बढाए|
चलना ही जीनव का सही अर्थ है|
चलाए विशवास की लो को|
चल कर उत्तम राह पर प्रगति को पा जाना है|

चलो-चले
Thursday, June 16, 2016
Topic(s) of this poem: moving on
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