श्र्द्धांजलि Poem by Ajay Srivastava

श्र्द्धांजलि

हम है साथ तुम्हारे|
शांत भाव से सर को झुकाए|
अनमोल बलिदान है तुम्हारा|
हमे अहसास है तुम्हारे बलिदान का|
बलिदान जो निजि स्वार्थ को तज देश हित को अपनाता|
बलिदान जो केवल और केवल देश हित के लिए अपने जीवन को न्योछावर करता|
समस्त भारतवर्ष तुम्हारे साथ है|
चंद पुष्प तुच्छ है तुम्हारे बलिदान के आगे|
श्र्द्धांजलि तो मात्र सदभाव है|
यह तो एक प्रण है भारत को एकजुटता का|
हॉ हम सब एक साथ है |

श्र्द्धांजलि
Wednesday, July 6, 2016
Topic(s) of this poem: patriotism
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