वातसल्य तुम कभी न कम करना|
तेरा मेरा स्वय ही भाग जाएगा|
प्यार को तुम निशच्क्षल दिए जाओ|
अपने पराए को हम मिटाऐगे|
आचल का अहसास तुम दिलाओ|
दूरीओ को निकटता हम बदलेगे|
दिल को विशाल तुम बनाए जाओ|
सोच मे परिवर्तन हम करेगे|
त्याग की क्षमता तुम बडाए जाओ|
असंतोष को छोडने को हम विवश हम करेगे|
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