खामखां मेरा नाम बदनाम हो रहा है Poem by Yashvardhan Goel

खामखां मेरा नाम बदनाम हो रहा है

खामखां मेरा नाम बदनाम हो रहा है
मेने तो कहिं डाका भी नहीं डाला है

लोग बड़ी हिदायत कर रहें हैं अपने घरो में
इस मोहल्ले में डकैत नै डेरा डाला है

अच्छी खासी औंट मिल जाया करती थी
कमबख़्तो ने पेड़ो को वो झुण्ड ही कटा डाला है

अखबार में क्या खोज़ते हो ख़बर आज की
इधर आओ और देखो ये स्टेटस किसने डाला है

Wednesday, August 31, 2016
Topic(s) of this poem: love,naughty,romance
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Yashvardhan Goel

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