शिक्षा Poem by Ajay Srivastava

शिक्षा

परिपूर्णता की पहचान हो तुम|
राह की दिशा हो तुम|
गोरव का अहसास हो तुम|
याद रहती हो तुम|

पल पल का आवश्यकता हो तुम|
रह रह कर रोशनी का अहसास दिलाती हो तुम|
गतिमान जीवन का आधार हो तुम |
यहॉ वहॉ सब जगह हो तुम|

पर थोडी दुर्लभ हो तुम|
रास्तो की बाधाऔ का हल हो तुम|
गरिमा की चमक हो तुम||
यर्थात के धरातल की आवश्यकता हो तुम|

शिक्षा
Monday, September 5, 2016
Topic(s) of this poem: education
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