दीपावली - प्रगति और सम्पन्नता Poem by Ajay Srivastava

दीपावली - प्रगति और सम्पन्नता

आओ हम सब मिल कर पर्ण करे।

घर घर में विश्वास प्रवेश कराएँगे ।
सच की मिठाई बाटेंगे।
घरो में आदर्शो के दीप जगमग करेंगे।
असमानता की फूलझड़ियां जलाएंगे।
घर घर स्वस्थ्य बनाने का प्रयास करेंगे।
वातावरण को प्रदुषण मुक्त करेंगे ।
हर गलत बात का विरोध करेंगे ।
स्वंय और अन्य सभी को कानून मानने के लिए प्रेरित करेंगे।
सम्पूर्ण भारत वर्ष में सद्भाव और शांति को प्रोस्त्साहन देंगे।
सम्पूर्ण भारत वर्ष में धर्म, सम्प्रदायवाद और जातिवाद की लड़ाई को बंद करेंगे ।

इस दीपावली हर भारतीय नागरिक अपने अपने सामर्थ्य अनुसार
एक, दो और ज्यादा पर्ण को अपनाएगा व पूर्ण करेगा ।

यही है दीपावली का सही अर्थ - प्रगति और सम्पन्नता का स्वागत हम सब को करना है।

दीपावली  - प्रगति और सम्पन्नता
Friday, October 28, 2016
Topic(s) of this poem: diwali
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