जो कहते थे काला धन लाएंगे हम!
कि भारत को फिर से सजायेंगे हम!
वो सपने दिखा करके वोट ले गये!
हज़रिया पनसोया पर चोट कर गये!
जो न वो कहे थे सो वो कर गये!
किसानो के घर का लंगोट ले गये!
पुछा सभी ने कि ये क्या हुआ?
कुबेर काले धन को बिल्कुल ना छुआ!
पंद्रह लाख सबका पचा भी लिया !
आया टीक हाथ में तो नचा भी दिया!
वो कहने लगे की
जुमला था जी वो!
चुनावी लगन का
हल्दी पहला था वो!
मोदी का नहले पे दहला था वो!
बातें बतंगर बनाये थे हम!
था सिजन तुम्हे भी लुभाये थे हम!
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