हमें तो तन्हाई की मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है Poem by Yashvardhan Goel

हमें तो तन्हाई की मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है

जिन्हे तन्हाई से डर लगता है उन्हें होगा शौक़ महफ़िलो का,
हमें तो तन्हाई की मुहब्बत ही महफ़िलो भरा जहां देती है!

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