किसी के दिल की ख़ामोशी जहाँ पर राज करती हो Poem by Abhishek Omprakash Mishra

किसी के दिल की ख़ामोशी जहाँ पर राज करती हो

किसी के दिल की ख़ामोशी जहाँ पर राज करती हो,
हमारे दिल की मदहोशी वही आवाज़ करती हो,
तुम्हे पाने की खातिर उस खुदा के दर पे ये सज़दे..
कभी बर्षों तक किये मैंने, वही तुम आज करती हो..

Thursday, December 4, 2014
Topic(s) of this poem: love and pain
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