वह कैसे कहेगी Poem by Ashok Vajpeyi

वह कैसे कहेगी

वह कैसे कहेगी - हाँ!
हाँ कहेंगे
उसके अनुरक्त नेत्र
उसके उदग्र-उत्सुक कुचाग्र
उसकी देह की चकित धूप
उसके आर्द्र अधर
कहेंगे - हाँ
वह कैसे कहेगी - हाँ ?

रचनाकाल :1990

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